Monday, 26 May 2014

 Naidunia Betul May26,2013
 Dainik Bhaskar Betul.May26,2013








Sanghamitra brings the holy Bodhi Tree to Sri Lanka, Mural, Kelaniya Vihara, early 20th century. The painter Soliyas Mendis travelled to India in the end of the 19th century to study the paintings of Ajanta. When he returned to Sri Lanka, he created a new style of art, which has its roots in the gentle expressions and exquisite grace of the Ajanta paintings. His work represents a valuable link and continuation of the ancient style of Buddhist paintings. The paintings also display a close affinity to the style of the Sigiriya paintings and are distinctly Sri Lankan.

SANGHMITRA BUDDHA VIHAR

Sonoli (jamgaon )Tehsil Multai, Betul, Madhya Pradesh, India

Welcome to Sonoli a Village surrounded by the serene beauty of nature, there is a lush green forest. Nature has abundantly graced this area with its beauty and calm.
It is also a historical region as the great river Tapi has began its journey from Multai.
The beautiful village Sonoli is situated at the distance of just 4 km from the town Multai . The Multai town is on highway No. NH 47 which can be reached from Nagpur (125 km)-Bhopal (224 km) and by train it is a big station where some Express trains as well as all other trains running on Chennai - Delhi Grand trunk route has a station.The nearest airport for this place is Nagpur.
During the last 40 years only a simple statue of lord buddha was there in this village. So Sanghmitra Buddha Vihar Samiti decided to have a grand statue as well as a vihar for prayer and other social activities for the community. But the main hurdle in this plan was money, as resources of the community members were very limited and no one was in a position to spend the huge amount require for this great social venture. At last Dr Madhukar Hurmade the secretary of the samiti took initiative and approached number of people who were ready to help in this great cause. After completion of the construction of vihar, one of them suggested that the samiti can get a statue of Lord Buddha from Thailand. Then, the work of getting the statue started in that direction and the samiti ultimately succeeded in getting the statue doneted from one great devotee of Lord Buddha, The Thai student association president Bhante Dr Anek . The statue is made up of multimetal (Ashtadhatu ) it is 5.5 feet high seating in a Vitarka Mudra (Ashirvad Mudra ). At a grand function of The Installation Ceremony of the statue was held on April 23 rd 2017 , in which 2000 people were present and the religious rituals were performed at the hands of Dr Bhadant Anand Thero- Nagpur, Bhante Bodhimitra -Mizoram, Bhante Milind -Nagpur, Bhante Amitanand -Nagpur.And in this way the Sanghmitra Buddha Vihar Samiti has succeeded in this great social and religious task, which will definitely inspire the coming generation to come forward to contribute and sacrifice for the cause of religion and community.



संघमित्रा बुद्ध विहार सोनोली (जामगांव )

संघमित्रा बुद्ध विहार सोनोली (जामगांव ) तहसील मुलताई जिला बैतूल मध्यप्रदेश में रमणीय तापी नदी के उगमस्थल मुलताई से चार किलोमीटर के दुरीपर अमरावती रोड के समीप स्थित है यह विहार जन सहायतासे निर्माण किया जा रहा है . 30 वर्ष पहले यहाँ ढाई फुट ध्यानस्त मुद्रामे बैठी मूर्ति की स्थापना की गई थी सन 2011 अप्रेल को इस स्थान का जीर्णोधार करनेका निर्णय लिया गया इस कार्य को आगे बढाने में    ग्रामस्थ श्री भिमरावजी खाडे, संतोषजी कोलमकर ,उत्तमरावजी वागद्रे, गुलाबरावजी  खाडे, भाऊरावजी लिखीतकर , दौलत पान्से , कुंजीलाल हूरमाडे , दादीजी हूरमाडे,पारन्या हूरमाडे,बाबूराव हूरमाडे,केदारी हुरमाडे , तेजी हूरमाडे,मारोतराव भम्बरकर ,पांडुरंग खातरकर ,मालनबाई हूरमाडे,बाया हूरमाडे,मधुकर हूरमाडे  और ग्राम के सन्माननीय गण का सहयोग प्राप्त है . इस  बुद्ध विहार को संघमित्रा नाम देनेका उद्देश यह है की . जिन्होंने बुध्ध धम्म का प्रचार प्रसार  सारे संसार  में किया .


संघमित्रा


संघमित्रा, राजकुमार महेन्द्र की भगिनी (बहिन) थी। उत्तर भारत की बुद्ध अनुश्रुतियों के आधार पर महेन्द्र को मौर्य सम्राट अशोक का भाई माना गया है। यद्यपि सिंहली ग्रन्थों और अनुश्रुतियों में संघमित्रा और महेन्द्र भाई-बहिन तथा अशोक की शाक्य रानी विदिशा देवी से उत्पन्न कहे गये हैं।[1]

बौद्ध दीक्षा

कलिंग विजय के बाद अशोक पूर्णत: बौद्ध धर्म को समर्पित हो गया था। उसकी दोनों सन्तानें बड़ी प्रतिभाशाली और तेजस्वी थीं। जिस समय महेन्द्र की आयु 20 वर्ष और संघमित्रा की 18 वर्ष थी, सम्राट अशोक ने महेन्द्र को युवराज घोषित कर दिया। इस अवसर पर बौद्धाचार्य ने कहा कि, "बौद्ध धर्म का वास्तविक मित्र तो वह है, जो धर्मकार्य के लिए अपने पुत्र और पुत्री को समर्पित कर दे।" यह सुनकर सम्राट अशोक ने अपने पुत्र और पुत्री की इच्छा पूछी। पिता के प्रभाव से वे दोनों पहले ही बौद्ध धर्म की ओर आकृष्ट थे। दोनों ने इसे अपना अहोभाग्य समझा और भाई-बहिन दोनों बौद्ध धर्म में दीक्षित हो गए। महेन्द्र का नाम 'धर्मपाल' पड़ा और संघमित्रा 'आयुपाली' कहलाई। महेन्द्र ने 32 वर्ष की आयु में धर्म प्रचार करने के लिए सिंहल द्वीप (श्रीलंका) की यात्रा की। उसके प्रभाव से राजा 'तिष्य' सहित बड़ी संख्या में लोगों ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया।[2]

ऐतिहासिक तथ्य

महावंश से पता चलता है कि अशोक के सबसे बड़े पुत्र महेंद्र और उसकी पुत्री संघमित्रा ने अशोक के अभिषेक के छ्ठे वर्ष में 'प्रवज्या' ली थी। उस समय उनकी उम्र क्रमश: 20 और 18 वर्ष थी। अब यदि अशोक के अभिषेक के तिथि ई.पू. 270 हो तो महेंद्र का जन्म ई.पू. 284 और संघमित्रा का जन्म ई.पू. 282 में हुआ होगा। यह भी उल्लेखनीय है कि अशोक के दामाद अग्निब्रह्मा ने उसके अभिषेक के चौथे वर्ष अर्थात ई.पू. 266 में 'प्रवज्या' ली थी। उस समय वह एक बेटे का बाप बन चुका था। इस प्रकार संघमित्रा से उसका विवाह ई.पू. 268 में अवश्य हो गया होगा, जब संघमित्रा की उम्र चौदह वर्ष रही होगी।[3]

बौद्ध धर्म का प्रचार

सिंहली ग्रन्थों के अनुसार महेन्द्र बौद्ध भिक्षुओं के एक दल का नेतृत्व करता हुआ श्रीलंका गया और वहाँ के सभी निवासियों को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया। संघमित्रा भी महेन्द्र के साथ बौद्ध धर्म के प्रचार कार्य में सहयोग देने के लिए श्रीलंका गई थी। उसने भी वहाँ के राजा तिष्य से समस्त परिवार के साथ ही अन्य स्त्रियों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी। आज भी श्रीलंका में ही नहीं सारे संसारमे उनका नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है।





Friday, 12 April 2013


Dr. B R Ambedkar
Name
Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar / Babasahebडॉ.  भीमराव  रामजी  अम्बेडकर  / बाबासाहेब 
Born14 April 1891Mhow, Central Provinces, British India (now in Madhya Pradesh)
Died6 December 1956(1956-12-06) (aged 65)Delhi, India
NationalityIndian
ProfessionJurist, political leader, philosopher, anthropologist, historian, orator, economist, teacher, and editor
Achievement

Education
1st Law Minister of India, Chairman of the Constitution Drafting Committee, Bharat Ratna
B.A.(Bombay University) Bachelor of Arts, MA.(Columbia university) Master of Arts, M.Sc.( London School of Economics) Master of Science, PhD (Columbia University) Doctor of philosophy , D.Sc.( London School of Economics) Doctor of Science , L.L.D.(Columbia University) Doctor of Laws , D.Litt.( Osmania University) Doctor of Literature, Barrister-at-Law (Gray's Inn, London) law qualification for a lawyer in royal court of England.


डॉ. बी. आर.  अम्बेडकर  के अनमोल विचार 

Quote 1: A great man is different from an eminent one in In that he is ready to be the servant of the society.
In Hindi: एक  महान  आदमी  एक  प्रतिष्ठित  आदमी  से  इस  तरह  से  अलग  होता  है  कि  वह  समाज  का  नौकर  बनने  को  तैयार  रहता  है .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 2: People and their religion must be judged by social standards based on social ethics. No other standard would have any meaning if religion is held to be necessary good for the well-being of the people.
In Hindi: लोग  और  उनके  धर्म  सामाजिक मानकों  द्वारा;  सामजिक  नैतिकता  के  आधार  पर  परखे  जाने  चाहिए . अगर  धर्म  को  लोगो  के  भले  के  लिए  आवशयक  मान  लिया  जायेगा तो  और    किसी  मानक  का  मतलब  नहीं  होगा .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 3: Cultivation of mind should be the ultimate aim of human existence.
In Hindi: बुद्धि  का   विकास  मानव  के  अस्तित्व  का  अंतिम  लक्ष्य   होना  चाहिए .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 4: Every man who repeats the dogma of Mill that one country is no fit to rule another country must admit that one class is not fit to rule another class.
In Hindi: हर  व्यक्ति  जो  मिल  के  सिद्धांत  कि  एक  देश  दूसरे  देश  पर  शासन  नहीं  कर  सकता  को  दोहराता  है  उसे  ये  भी स्वीकार  करना  चाहिए  कि  एक  वर्ग  दूसरे  वर्ग  पर  शासन  नहीं  कर  सकता .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 5: For a successful revolution it is not enough that there is discontent. What is required is a profound and thorough conviction of the justice, necessity and importance of political and social rights.
In Hindi: एक  सफल  क्रांति  के लिए  सिर्फ  असंतोष  का  होना  पर्याप्त  नहीं  है .जिसकी  आवश्यकता   है  वो  है  न्याय  एवं   राजनीतिक  और  सामाजिक  अधिकारों  में  गहरी  आस्था.
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 6: History shows that where ethics and economics come in conflict, victory is always with economics. Vested interests have never been known to have willingly divested themselves unless there was sufficient force to compel them.
In Hindi: इतिहास  बताता  है  कि  जहाँ  नैतिकता  और  अर्थशास्त्र   के  बीच  संघर्ष  होता  है  वहां  जीत  हमेशा  अर्थशास्त्र    की  होती  है . निहित  स्वार्थों   को  तब  तक  स्वेच्छा  से  नहीं  छोड़ा   गया  है  जब  तक  कि  मजबूर  करने  के  लिए  पर्याप्त  बल  ना  लगाया  गया  हो .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 7: I like the religion that teaches liberty, equality and fraternity.
In Hindi: मैं  ऐसे  धर्म  को  मानता  हूँ  जो  स्वतंत्रता , समानता , और  भाई -चारा  सीखाये .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 8: I measure the progress of a community by the degree of progress which women have achieved.
In Hindi: मैं  किसी  समुदाय  की  प्रगति  महिलाओं  ने  जो  प्रगति  हांसिल  की  है  उससे  मापता  हूँ .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 9: In Hinduism, conscience, reason and independent thinking have no scope for development.
In Hindi: हिंदू धर्म में, विवेक, कारण, और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 10: Indians today are governed by two different ideologies. Their political ideal set in the preamble of the Constitution affirms a life of liberty, equality and fraternity. Their social ideal embodied in their religion denies them.
In Hindi: आज  भारतीय  दो  अलग -अलग  विचारधाराओं  द्वारा  शाशित  हो  रहे  हैं . उनके  राजनीतिक  आदर्श  जो  संविधान  के  प्रस्तावना  में  इंगित  हैं  वो  स्वतंत्रता  , समानता , और  भाई -चारे  ko स्थापित  करते  हैं . और  उनके  धर्म  में  समाहित  सामाजिक  आदर्श  इससे  इनकार  करते  हैं .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 11: Law and order are the medicine of the body politic and when the body politic gets sick, medicine must be administered.
In Hindi: क़ानून  और  व्यवस्था  राजनीतिक  शरीर  की  दवा  है  और  जब  राजनीतिक  शरीर  बीमार  पड़े  तो  दवा  ज़रूर  दी  जानी  चाहिए .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 12: Life should be great rather than long.
In Hindi: जीवन  लम्बा  होने  की  बजाये  महान  होना  चाहिए .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 13: Men are mortal. So are ideas. An idea needs propagation as much as a plant needs watering. Otherwise both will wither and die.
In Hindi: मनुष्य  नश्वर  है . उसी  तरह  विचार  भी  नश्वर  हैं . एक  विचार  को  प्रचार -प्रसार  की   ज़रुरत  होती  है , जैसे  कि  एक  पौधे  को  पानी  की . नहीं  तो  दोनों  मुरझा  कर  मर  जाते हैं .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 14: Political tyranny is nothing compared to the social tyranny and a reformer who defies society is a more courageous man than a politician who defies Government.
In Hindi: राजनीतिक  अत्याचार  सामाजिक  अत्याचार  की  तुलना  में  कुछ  भी  नहीं  है  और  एक  सुधारक  जो  समाज  को  खारिज  कर  देता  है  वो   सरकार  को  ख़ारिज  कर  देने  वाले   राजनीतिज्ञ  से  कहीं अधिक  साहसी  हैं .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 15: So long as you do not achieve social liberty, whatever freedom is provided by the law is of no avail to you.
In Hindi: जब  तक  आप  सामाजिक  स्वतंत्रता  नहीं  हांसिल  कर  लेते  , क़ानून  आपको  जो भी  स्वतंत्रता  देता  है  वो  आपके  किसी  काम  की  नहीं .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 16: The relationship between husband and wife should be one of closest friends.
In Hindi: पति- पत्नी  के  बीच  का  सम्बन्ध   घनिष्ट  मित्रों  के  सम्बन्ध   के  सामान  होना  चाहिए .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 17: The sovereignty of scriptures of all religions must come to an end if we want to have a united integrated modern India.
In Hindi: यदि  हम  एक   संयुक्त  एकीकृत  आधुनिक  भारत  चाहते  हैं  तो  सभी  धर्मों  के  शाश्त्रों  की  संप्रभुता  का  अंत  होना  चाहिए .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 18: Unlike a drop of water which loses its identity when it joins the ocean, man does not lose his being in the society in which he lives. Man’s life is independent. He is born not for the development of the society alone, but for the development of his self.
In Hindi: सागर  में  मिलकर  अपनी  पहचान  खो  देने  वाली  पानी  की  एक  बूँद  के  विपरीत , इंसान  जिस  समाज  में  रहता  है  वहां  अपनी  पहचान  नहीं  खोता . इंसान  का  जीवन  स्वतंत्र  है . वो  सिर्फ  समाज  के  विकास  के  लिए  नहीं  पैदा  हुआ   है , बल्कि  स्वयं  के  विकास  के  लिए  पैदा  हुआ   है  .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 19: We are Indians, firstly and lastly.
In Hindi: हम  भारतीय  हैं , पहले  और   अंत  में .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
Quote 20: What are we having this liberty for? We are having this liberty in order to reform our social system, which is full of inequality, discrimination and other things, which conflict with our fundamental rights.
In Hindi: हमारे  पास  यह  स्वतंत्रता  किस  लिए  है ? हमारे  पास  ये  स्वत्नत्रता  इसलिए  है  ताकि  हम  अपने  सामाजिक  व्यवस्था , जो  असमानता , भेद-भाव  और  अन्य   चीजों  से  भरी  है , जो  हमारे  मौलिक  अधिकारों  से  टकराव  में  है  को  सुधार  सकें.
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर
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Thursday, 7 February 2013

 I measure the progress of a community by the degree of progress which women have achieved.
In Hindi: मैं  किसी  समुदाय  की  प्रगति  महिलाओं  ने  जो  प्रगति  हांसिल  की  है  उससे  मापता  हूँ .
B. R. Ambedkar  बी. आर.  अम्बेडकर


Women

“The best yardstick of the progress of a nation is its treatment of women…….

“All nations have attained greatness by paying proper respect to women. That country and that nation which do not respect women have never become great, nor will ever be in future. The principal reason why your race has so much degenerated is that you have no respect for these living images of shakti. There is no hope of rise for that  family  or country where there is no estimation of women, where they live in sadness….

“Why is it that our country is the weakest and the most backward of all countries? Because Shakti is held in dishonour….

“We should not think that we are men and  women, but only that we are human beings, born to cherish and help one another.”

                                                                                                                 SWAMI VIVEKANANDA